मेरी माँ

मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।

बो रोज नदी में तारे बहाती है और नदी से रोज सूरज निकालती है।
मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।

मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।
बो रोज रेशम का धागा बुनती है और रेशम को मन्नतो के धागों सा बनाती है।
मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।

मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।
बो रोज आँखों से मुझे टकटकी लगा देखती और उन्ही आँखों से मेरी नज़र उतार जाती है।
मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।

मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।
बो रोज सुबह उठकर खाना बनाती है और बिना नागा खाना खिला मुझे घर से निकलने नही देती है।
मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।

मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।
बो रोज नित-नियम से एक दिया मेरे नाम का जलाती है और बिना दुआ किये मुझे भगवान का रूप दिखा जाती है।
मेरी माँ रोज मेरे लिए दुआ में आंसू बहाती है।

रमन भगत

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